छत्तीसगढ़

बैंक में खपा दिए जाली नोट, जालसाज के चाल में फंसे बैंकर

दुर्ग

दुर्ग भिलाई में जाली नोट धड़ल्ले से खपाया जा रहा है। किसी जालसाज ने तो 6100 रुपए का जाली नोट बाकायदा बैंक में खपा दिया। बैंक वालों को बाद में पता चला। गंजपारा ऐक्सिस बैंक में 6 हजार 100 रुपए की जाली नोट मिली है। शिकायत पर दुर्ग कोतवाली पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 489 (ए) के तहत प्रकरण दर्ज किया है। दुर्ग कोतवाली टीआई राजेश बागड़े ने बताया कि बैंक प्रबंधन को पता नहीं चला कि जाली नोट को किसने दिया। बैंक प्रबंधन ने जाली नोट को थाने में जमा कराया। जिसमें 500-3, 200-9 और 100-28 नोट हंै। इस तरह कुल 6 हजार 100 रुपए जब्त किया है। जाली नोटों का परीक्षण के बाद मामले में अज्ञात के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। सीएसपी दुर्ग कौशलेन्द्र देव पटेल ने बताया कि गंजपारा ऐक्सिस बैंक में नकली नोट मिला है। बैंक को पता नहीं चला कि उक्त नोट को किसने दिया है। मामले में अज्ञात के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। आरोपी की तलाश की जा रही है। 16 जुलाई 2021 को मध्य प्रदेश पुलिस का मैसेज चला था कि इंदौर के राजगढ़ इलाके में जाली नोटों की छपाई करने वाला आरोपी भिलाई के जामुल क्षेत्र में छुपा है। इंदौर पुलिस भिलाई पहुंची। 28 जुलाई को छावनी टीआई की मदद से इंदौर निवासी आरोपी नरेश पवार को गिरफ्तार कर ले गई। नरेश जामुल में किराए के मकान में रहता था। आरबीआई ने नए नोट जारी करते हुए इसके फीचर भी बताए हैं। अगर आप इन फीचर को याद रखेंगे, तो आसानी से असली और नकली में फ र्क कर सकेंगे। आरबीआई के अनुसार 100 रुपए के नए नोट की खास बात यह है कि सबसे पहले जहां पर 100 अंक लिखा हुआ है वहां पर (जांच में) आर-पार देखा जा सकेगा। साथ ही 100 अंक को देवनागरी में लिखा गया है। इस नोट में महात्मा गांधी की तस्वीर मध्य में लगी हुई है। साथ ही छोटे शब्द जैसे आरबीआई, भारत, इंडिया और 100 लिखे गए हैं। अगर आप इस नोट को टेढ़ा करके देखेंगे तो उसके धागे का हरा रंग नीला हो जाता है। इस धागे में भारत और आरबीआई लिखा हुआ है। 100 रुपए के इस नए नोट के दाहिने हिस्से में अशोक स्तंभ है। नोट के पीछे आपको प्रिंटिंग का साल दर्ज किया हुआ दिखेगा। स्वच्छ भारत का लोगो इसके मिशन के साथ पीछे अंकित है साथ ही इसमें गुजरात की रानी की वॉव का चित्र अंकित है। जामुल में पकड़ाए आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में खुलासा किया था कि जुआ सट्टा का छत्तीसगढ़ बड़ा बाजार है। हारजीत के समय आसरा नाम से बैग में पैसे लेकर व्यक्ति खड़ा होता है। जिसे तुरंत पैसे की जरुरत होती है उसे 25 हजार असली रुपए के बदले में एक लाख रुपए नोट देता है। जुआ खेलने वाले को तो पता नहीं होता है कि उसे जो नोट दी गई वह नकली है। इस तरह बेधड़क मार्केट में जाली नोट को खपाया जाता है।

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