छत्तीसगढ़जांजगीर चांपा

जमीन रजिस्ट्री के 5 मिनट में ही नामांतरण, जनप्रतिनिधियों ने कहा सुधार की जरूरत

जांजगीर चांपा: मंगलवार को जांजगीर चांपा जिला पंचायत कार्यालय के सभा कक्ष में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमे सांसद कमलेश जांगड़े, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष सौरभ सिंह, जांजगीर चांपा और पामगढ़ विधायक के साथ जिला पंचायत सदस्य और अधिवक्ता के साथ आम लोग शामिल हुए.कार्यशाला में कलेक्टर और राजस्व अधिकारी भी उपस्थित रहे.

जमीन रजिस्ट्री बदलाव पर कार्यशाला

जमीन की खरीद बिक्री की प्रक्रिया सरल करने और रजिस्ट्री के बाद नामांतरण भी 5 मिनट में होने का सिस्टम तैयार किया गया है. शासन की इस नई पहल की जानकारी देने मास्टर ट्रेनर ने जिला पंचायत के सभा कक्ष में कलेक्टर, सांसद विधायक और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में रजिस्ट्री के 10 क्रांति की जानकारी दी और सुझाव मांगे. मास्टर ट्रेनर सत्य प्रकाश गौरहा ने बताया कि एक साल में राज्य सरकार ने रजिस्ट्रीकरण में सुधार लाकर एक वर्ष में 3000 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है, जो अपने आप में रिकार्ड है. कार्यशाला में जमीन रजिस्ट्री के दौरान आने वाले छोटे छोटे समस्या का निराकरण करने का प्रयास भी किया गया.

सरकार का दावा, लोगों को मिलेगा फायदा

सांसद कमलेश जांगड़े ने बताया कि पहले रजिस्ट्री की प्रक्रिया बहुत जटिल थी. राज्य सरकार के सुशासन में विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने जमीन की रजिस्ट्री से लेकर नामांतरण तक की प्रक्रिया को सरल किया है. जिसके शुरुआत में कुछ खामियां होंगी उसको दूर करने के लिए आम जनों के साथ अधिवक्ता और राजस्व विभाग के अधिकारियों से भी राय मशविरा लिया जा रहा है. कोई खामी होगी तो उसे शासन को अवगत कराया जाएगा.

जमीन रजिस्ट्री के नए सिस्टम पर जनप्रतिनिधियों और वकीलों के सवाल

कार्यशाला में उपस्थित अधिवक्ताओं ने राज्य सरकार की रजिस्ट्री नीति में किए जा रहे बदलाव का स्वागत किया लेकिन टेक्निकल समस्याओं को गिनाते हुए पहले उसका निराकरण करने और बाद भी नया सिस्टम लागू करने की मांग की. अधिवक्ता दिनेश राठौर ने कहा कि रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण होने से फर्जीवाड़ा बढ़ने और चेक बाउंस जैसे मामलों की बढ़ोत्तरी होने की आशंका जताई.

वही विधायक ब्यास कश्यप ने जमीन खरीद बिक्री करने वालों के हित में किए गए प्रयास का स्वागत किया और इस सिस्टम को एकाएक लागू करने के बजाय पुराने सिस्टम के साथ प्रायोगिक तौर पर लागू करने की मांग की. उन्होंने सबसे पहले रजिस्ट्री ऑफिस का इंटरनेट सिस्टम सुधारने और नामांतरण की प्रक्रिया को त्रुटि रहित करने की मांग की.

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