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छत्तीसगढ़

कोरबा लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी सरोज पांडेय के एक बयान पर सियासत गरमा गई, ज्योत्सना महंत ने बयान को लेकर जोरदार हमला बोला

ज्योत्सना महंत कहा- “सरोज पांडेय का बयान महिलाओं के लिए अपमानजनक, मैं तो पति के मार्गदर्शन में चलती हूं, सरोज किसके”

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: कोरबा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना चरणदास महंत ने भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय के बयान को प्रत्येक महिला के लिए निंदनीय बताया है. ज्योत्सना महंत ने सरोज पांडेय के बयान को लेकर जोरदार हमला बोला है.

सरोज पांडेय के बयान को बताया महिलाओं का अपमान: कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत ने सरोज पांडेय पर करारा पलटवार करते हुए कहा, “मेरे निर्णय स्वयं के रहते हैं, इसमें महंत जी का कोई हस्तक्षेप नहीं होता. हालांकि वे क्षेत्र के अनुभवी और बड़े जनप्रतिनिधि हैं. उनका मार्गदर्शन लेकर ही काम करती हूं. अपने पति से पूछ कर काम कर रही हूं तो इसमें टिप्पणी वाली कोई बात कैसे हुई.”

“मैं तो अपने पति के मार्गदर्शन में चल रही हूं, लेकिन सरोज पाण्डेय बताएं कि वे किसके कहने पर चल रही हैं. इस तरह की बातें कहकर सरोज पांडेय ने हर उस महिला का अपमान किया है, जो अपने पति के सहयोग से काम करती हैं और आगे बढ़ती हैं.” – ज्योत्सना महंत, कांग्रेस प्रत्याशी, कोरबा लोकसभा क्षेत्र

“उनमें इतनी समझ नहीं कि बात किस तरह से की जाती है”: कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत ने कहा, “पति के मार्गदर्शन पर चलना भी सौभाग्य की बात है, लेकिन यह बात आखिर सुश्री सरोज पांडेय कैसे समझ पाएंगी? वह चुनाव को लोकतंत्रात्मक तरीके से ना लडकर आक्रामकता दिखा रही हैं, जो बिल्कुल भी शोभा नहीं देता. उनके बयानबाजी का स्तर यह बताने के लिए काफी है कि भाजपा के लोग महिलाओं के प्रति क्या सोच रखते हैं. चुनाव के वक्त सरोज पांडेय कोरबा में टपक पड़ी हैं, लेकिन बहुत ही जल्द जनता उनके अरमान बुलबुले की तरह फोड़ देगी.”

“सरोज पांडेय भी एक महिला हैं और उन्हें महिलाओं से किस तरह का मर्यादित व्यवहार और बातचीत करना चाहिए, इतनी तो उनमें समझ होगी. वह बात-बात पर अनर्गल बयानबाजी करती जा रही हैं. एक राष्ट्रीय दल की राष्ट्रीय नेत्री और चुनाव में उम्मीदवार होने के बाद भी उनमें इतनी समझ नहीं है कि बात किस तरह से की जाती है. क्या उन्हें उनके बड़े नेताओं ने, जिनके कहने पर वे चल रही हैं, बात करने का लहजा नहीं सिखाया है.” – ज्योत्सना महंत, कांग्रेस प्रत्याशी, कोरबा लोकसभा क्षेत्र

5 साल नदारद रहने के आरोपों पर किया पलटवार: ज्योत्सना महंत ने आगे कहा, “अपने संसदीय क्षेत्र में मेरी सक्रियता लगातार रही है और यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है. ढाई साल कोरोना में बीत गए, संक्रमण का फैलाव में सावधानी रखी गई. इस बीच 17 बार मेरा कोरबा आना हुआ, जिसमें मेडिकल कॉलेज के सिलसिले में डीन से मुलाकात हुई. अगर मैं कोरबा ना आती तो क्या मेडिकल कॉलेज खुल जाता, स्वामी आत्मानंद स्कूल/कॉलेज की सौगात मिलती? और भी बहुत से कार्य हुए हैं. चाहें तो मेरी उपस्थिति, मेरा रिकॉर्ड देखा जा सकता है.”

“मैं सरोज पांडेय को क्यों बताऊं कि मेरा कोरबा कितनी बार आना हुआ है? आखिर वह भी तो कोरबा लोकसभा की पालक सांसद रही हैं, वह बताएं कि कब-कब वह अपने क्षेत्र में आई. जनता के दु:ख-तकलीफ में, कोरोना कल में, जब लोगों को आवश्यकता थी, तब भी वह दूर-दूर तक कहीं नजर नहीं आई. वे अभी चुनाव के समय यहां आकर प्रश्न कर रही हैं. जबकि 5 साल सांसद रहते हुए मैंने अपने संसदीय क्षेत्र में सक्रिय रहकर काम किया है. इसके लिए किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं, जनता स्वयं जानती है.” – ज्योत्सना महंत, कांग्रेस प्रत्याशी, कोरबा लोकसभा क्षेत्र

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण अंतर्गत 7 मई को कोरबा लोकसभा क्षेत्र में वोटिंग होनी है. इसके साथ साथ प्रदेश के रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, जांजगीर चांपा, रायगढ़ और सरगुजा लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं. छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव का यह आखिरी चरण है. इसलिए सभी राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी का दौर चल पड़ा है.

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