छत्तीसगढ़ में भूमिहीनों को गणतंत्र दिवस पर मिलेगी न्याय की पहली किस्त
रायपुर। राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के हितग्राहियों को इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर पहली किस्ता मिलेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को यह घोषणा की। इस योजना के तहत सरकार पात्र लोगों को हर वर्ष किस्तों में छह हजार रुपये दी जाएगी। सरकार ने इस वर्ष के पहले अनुपूरक बजट में दो हजार करोड़ रुपये का प्रविधान किया था।
इस योजना के लिए पिछले साल एक सिंतबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जो 30 नवंबर तक चली। इस दौरान करीब चार लाख 41 हजार से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है। पंचायत और वार्ड स्तर पर इन आवेदनों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। सत्यापान पूरा होने के बाद पात्र लोगों की पंचायत और वार्ड स्तर पर सूची जारी कर दी जाएगी। अफसरों के अनुसार पात्र हितग्राहियों को सालाना 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो हितग्राही के खाते में सीधे जमा करायी जाएगी। इस आर्थिक सहायता से हितग्राही की आमदनी बढ़ेगी और वह अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।
अफसरों के अनुसार राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर योजना का प्रमुख उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमिहीन परिवारों को पहचान कर उन्हें वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान सहायता उपलब्ध कराना है। योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के ऐसे मूल निवासियों को मिलेगा, जिन परिवारों के पास कृषि भूमि नहीं है, ऐसे परिवारों में चरवाहा, बढई, लोहार, मोची, नाई, धोबी और पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक और सरकार द्वारा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, जिनके परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है।