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जांजगीर चांपा

नाबालिक के साथ गैंगरेप: आरोपियों को 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास

फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला

सक्ती@मानस-वार्ता।
फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने नाबालिक बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आरोपितो के विरुद्ध अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर तीन आरोपियों को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन के अनुसार नाबालिक अभियोक्त्री घटना दिनांक 13 .5. 2023 की रात्रि खाना खाकर अपने घर के बाहर टहल रही थी तभी रात्रि लगभग 9.30 बजे आरोपी युवराज साहू और विक्की सागर मोटरसाइकिल में आए और पीडि़ता को बहला फुसलाकर भगाकर उसे अपने साथ बिठाकर तालाब तरफ ले गए और वहां पर आरोपी युवराज ने आरोपी रविंद्र बरेठ को फोन कर बुलाया तथा अभियोक्त्री की सभी कपड़ा खोल दिया जिससे पीडि़ता चिल्लाती रही तथा आरोपी गण बारी-बारी से पीडि़ता के साथ शारीरिक संबंध बनाये। रात्रि लगभग 11.30 बजे पीडि़ता अपने घर वापस आई और घटना को अपने परिवार को बतायी। थाना में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराया गया जिस पर आरोपीगण के विरुद्ध अपराध क्रमांक 136/ 2023 धारा 363 366 376(घ) एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4(2), तथा 6 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपीगण को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया एवं विवेचना उपरांत उपरोक्त धाराओं के अंतर्गत आरोप पत्र विशेष न्यायालय एफ टी एस सी कोर्ट सक्ती में पेश किया गया।
विशेष न्यायालय सक्ती ने संपूर्ण साक्ष्य एवं विवेचना उपरांत भारतीय दंड संहिता की धारा 366 एवं 376 (घ) का दोषी सिद्धी पाए जाने पर आरोपी युवराज साहू पिता स्व. रघुनंदन साहू उम्र 23 वर्ष रविंद्र कुमार बरेठ पिता स्व. सुरेश कुमार बरेठ एवं विक्की सागर पिता परमानंद सागर उम्र 29 वर्ष को भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के अपराध के लिए तीन-तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं रू.1,000 – 1,000 के अर्थदंड से एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (घ) के अपराध के लिए 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं रू.10,000 – 10,000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने किया।

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