पुलिस थाना पहुंची बारात, 7 साल बाद पुनर्विवाह से जुड़े बिखरे परिवार
जोधपुर
महिला पुलिस थाने में शादी का शामियाना सजा जहां एक नहीं दो-दो शादियां हुईं। बाहर बैंड-बाजों के साथ नाचते-गाते बाराती थे तो अंदर घराती बने पुलिसकर्मियों के साथ बारात को निहारती दुल्हनें। बारातें द्वार पहुंची तो पुलिसकर्मियों ने स्वागत किया। समधी-समधन, रिश्तेदार गले मिले। दुल्हे-दुल्हनों ने पुष्पवर्षा के बीच वरमालाएं पहनाईं। मंत्रोच्चार के बीच मंडप पर अग्नि के समक्ष 7 फेरे लिए। पुलिसकर्मियों ने कन्यादान किया, फिर आशीर्वाद देकर विदा किया। इन दोनों ही जोड़ों का यह 7 साल बाद पुनर्विवाह था।
दरअसल, अरटिया खुर्द और देवातड़ा के दो परिवारों ने वर्ष 2015 में एक-दूसरे के घरों में अपनी-अपनी बेटियां ब्याही। यानी देवातड़ा के गिरधारीराम की शादी अरटिया खुर्द के जीवनराम की बेटी ऊषा के साथ हुई। वहीं ऊषा के भाई विशनाराम की शादी गिरधारीराम की बहन धारू के साथ की गई। कुछ समय बाद पारिवारिक झगड़ों से दोनों परिवारों में दूरियां आ गई। एक साल पहले ऊषा व धारू अपने-अपने पीहर लौट गईं। डेढ़ माह पहले दोनों परिवारों ने भोपालगढ़ थाने में दहेज प्रताड़ना के परस्पर मामले दर्ज करवा दिए।जांच महिला पुलिस थाना ग्रामीण की सीआई रेणु के पास आई। उन्होंने लगातार दोनों परिवारों व दंपतियों से समझाइश की थी। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई, दोनों परिवार फिर एक होने को राजी हो गई।
इस फैसले से खुश पुलिस ने थाने में दोनों जोड़ों की दुबारा शादी की पेशकश की, जिसे मान लिया गया।महिला थाना प्रभारी रेणू ठाकुर ने बताया कि ऊषा-धारू ने एक-दूसरे के परिवार वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना के साथ अन्य धाराओं में मुकदमे दर्ज करवाए थे। पहले वे किसी भी सूरत में ससुराल वालों के साथ में नहीं रहना चाहती थी। बाद में काउंसलिंग की गई और लगातार समझाया गया।आखिर यह प्रयास रंग लाएय दोनों फिर गठबंधन में बंधना चाहते थे। तो हम भी खुशी में शामिल हुए और थाने के बाहर ही यह कार्यक्रम आयोजित किया।
इसके बाद दोनों पक्षों के लोग बारात लेकर आए व दोनों जोड़ों का पुनर्विवाह की रश्म की गई।इस विवाह में दोनों जोड़ों के बच्चे भी सम्मिलित हुए।